पांच दिवसीय वार्षिक भंडारा संपन्न

जयगुरुदेव आश्रम में चल रहे पाँच दिवसीय पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज (दादा गुरु जी) के वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला के समापन के अवसर पर राष्ट्रीय उपदेशक सतीश चन्द्र और राजेश जी ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित किया। राष्ट्रीय उपदेशक सतीश चन्द्र ने कहा कि सन्त महात्माओं का काम संकल्प से होता है। उनके शरीर का यह प्रताप होता है कि जो भी जीव उनके शरीर से स्पर्श हो जायेंगे, उनको मनुष्य शरीर मिल जाता है। दादा गुरु जी के समय सत्संग का फैलाव नहीं था। जीवों पर संस्कार डालने के लिये चीटियों के झुंड के ऊपर पैर रख दिया करते थे लेकिन एक भी चीटी मरती नहीं थी।

सत्संग सुनने के लिए उमड़ी भीड़

बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने एक बार पूछा तो उन्होंने बताया कि ये तुम्हारे लिये संगत तैयार कर रहा हूँ। आज भारत में सबसे अधिक शाकाहारी गुजरात और दूसरे स्थान पर राजस्थानी लोग हैं। जहाँ सन्त महात्मा रहते हैं वह धरती पवित्र हो जाती है। कई पीढ़ी तक उस भूमि का प्रभाव जीवों पर पड़ता है। यह उसी तरह होता है जैसे जब किसी स्थान पर आग जला दी जाती है और जब वह बुझ जाता है तो भी जमीन गर्म रहती है।

बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने अपने सत्संग में बताया था कि जयगुरुदेव नाम योग साधना मन्दिर के मुंडेर से यदि कोई पक्षी भी उड़कर निकल जायेगा तो उसे मनुष्य शरीर मिल जायेगा। मन्दिर में एक बुराई चढ़ाने पर एक मनोकामना पूरी होती है।

कार्यक्रम के बाद वापस घर जाते श्रद्धालु

मेले में दर्जन भर दहेज रहित विवाह सम्पन्न हुये। श्रद्धालु अपने घरों को वापस जाने लगे हैं। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था ने 74वें वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला के सकुशल सम्पन्न होने पर मथुरा नगरवासियों, क्षेत्रीय जनता, अधिकारियों, कर्मचारियों और बुद्धिजीवियों को साधुवाद दिया।