मुक्ति दिवस गीत

जयगुरुदेव ध्वजा लहरायें, मानव जीवन सफल बनायें । सत्य अमृत रस झरने वाला, भक्ति भावना भरने वाला । दुनिया का तम हरने वाला, देशों देश विचरने वाला।शान्ति ध्वजा नम में फहरायें, मानव जीवन सफल बनायें ।।

शील क्षमा संतोष लिए हैं, सर्व शांति का ध्येय लिये है। अजब रंग अनुराग हृदय में, प्रेम सुधा रस पेय लिये है। सबको सत्य मार्ग दिखलाये, मानव जीवन सफल बनायें ।।

एक रंग की ध्वजा है प्यारे, तीन रंग से है यह न्यारे । अरब खरब शशि भानु व तारे, ध्वज के मध्य प्रकाशित सारे। पल-पल नभ आनंद बढ़ाये, मानव जीवन सफल बनाये ।।

ध्वजा के नीचे जो कोई आवे, जन्म मरण उसका छूट जावे। जीवन का वांछित फल पाकर, अन्त समय प्रभु में मिल जावे। सब को सरल मुक्ति बतलाये, मानव जीवन सफल बनाये ।।

सतयुग सत्य ध्वजा लहराया, त्रेता द्वापर में फहराया। कलयुग जयगुरुदेव ध्वजा ले, सब जीवों को पार लगावें । प्रेमी सभी मिलकर गायें, मानव जीवन सफल बनाये ।।

विधि हरिहर ने उसे उठाया, व्यास वशिष्ठ आदि के मन भाया । राम कृष्ण सब गाते आये, संतो ने गुण तत्व बताये । सबके घर-घर यह फहराये मानव जीवन सफल बनाये ।। जो कोई इसका गुण गावे, सत्य ध्वजा पर बलि बलि जावे । धर्म ध्वजा अपनी महिमा से, जीवों को निज घर पहुंचावे । जग सारा गुण गौरव गावे, मानव जीवन सफल बनाये ।। जयगुरुदेव दया करो मेरे दुख हर्ता मैं शरण में तेरे । पांचो दूत भूत अस लिपटे, ममता मोह विविध विधि घेरे। सबको नाथ प्रभु पार लगाये, मानव जीवन सफल बनाये ।।